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Can a wrong claim in income tax return be caught by department after linking of adhaar with PAN.

Question BankCategory: Income TaxCan a wrong claim in income tax return be caught by department after linking of adhaar with PAN.
Pravesh asked 6 years ago

Can a wrong claim in income tax return be caught by department after linking of adhaar with PAN.

2 Answers
Jupiter Staff answered 6 years ago

*आधार लिंक होने के बाद इनकम टैक्स विभाग की है आप पर नजर, ITR भरते समय न करें ये 11 गलतिया*
नई दिल्ली. आयकर विभाग ने करदाताओं को एडवाइजरी जारी कर ITR फार्म भरते समय आय-व्यय की सही जानकारी देने का आग्रह किया है। साथ ही विभाग ने चेतावनी दी है कि आय-व्यय से संबंधित कोई भी जानकारी छुपाने पर आप मुसीबत में पड़ सकते हैं। आपके द्वारा दी गई जानकारी अगर गलत निकलती है तो आप पर आपराधिक केस और जुर्माना भी लगाया जा सकता है। आयकर विभाग ने साफ तौर पर कह दिया है कि आपके हर लेन-देन पर हमारी नजर है। आयकर विभाग बकायदा एडवाइजरी जारी करके करदाताओं को 11 तरह के संदिग्ध लेन-देन के बारे में आगाह किया है।
ये 11 गलतियां पड़ सकती हैं भारी
1.एचआरए के लिए नकली बिल ना लगाएं : आयकर विभाग ने कहा है कि टैक्स भरने से बचने के लिए करदाता एचआरए ( मकान किराए) में मोटी रकम खर्च करने का नकली बिल लगाकर टैक्स में छूट लेते थे। इस पर आयकर विभाग ने नया नियम बनाया है कि अगर आप 2 लाख रुपए से ज्यादा मकान का किराया देते हैं तो मकान मालिक का पैन कार्ड देना होगा। ऐसा करने पर ही आपको टैक्स में छूट मिलेगी। वहीं दूसरी ओर मकान मालिक की आय के बारे में विभाग को पता चल जाएगा।
2. ब्याज और एफडी की सही जानकारी दें : ITR भरते समय आपको फार्म-26AS से मिलान करना होता है, जिसमें आपसे आपकी एफडी (फिक्सड डिपॉजिट), टीडीएस, आरडी के बारे में जानकारी होती है जो टीडीएस रिटर्न्स से अपडेट होती है, इसलिए ब्याज की सही जानकारी देना जरूरी है। गलत जानकरी निकलने पर आपके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
3. 80C के तहत छूट के लिए देना होगा प्रमाण : आयकर विभाग टैक्स अधिनियम की धारा 80C के तहत टैक्स भरने में छूट मिलती है। जिसमें तहत व्यय का प्रमाण नहीं देना होता था। लेकिन इसके बढ़ते दुरुपयोग के कारण विभाग ने नया नियम बना दिया। इसमें आपकों व्यय का प्रमाण देना होगा तभी 80C के तहत छूट मिलेगी। इस सुविधा का लाभ लेने के लिए अपने एम्प्लायर को सेविंग/व्यय का प्रूफ फॉर्म 12BB के साथ जमा करना होता है, जो फार्म- 16 में अपडेट हो जाता है।
4. दान की गलत जानकारी ना दें : दान की गई रकम पर टैक्स अधिनियम की धारा 80G, 80GGA और 800GGC के तहत टैक्स में छूट मिलती है। इस पर आयकर विभाग ने चेतावनी दी है कि करदाता दान की रकम के बारे में गलत जानकारी ना दें। टैक्स से बचने के लिए फर्जी कागजात बनाकर विभाग गुमराह ना करें। ऐसा करने पर सीधी कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
5.पारिवारिक आय ना छिपाएं : आयकर विभाग का कहना है कि अगर आप अपने बच्चे या परिवार के किसी सदस्य के नाम पर कोई व्यापार करते हैं तो उससे होने वाली आय के बारे में जानकारी दें। ऐसा ना करना अपराध के दायरे में आता है।
6. मकान के किराए का हिसाब दे: आयकर विभाग ने कहना है कि एक आदमी के कई मकान होते और प्रापर्टी होती हैं, जिनसे आने वाले किराए के बारे में वो जानकारी नहीं देते हैं। इसके बारे में जानकारी देना जरूरी है। अगर आयकर विभाग ने ऐसे करते पकड़ा तो आपके ऊपर भारी जुर्माना लग सकता है। जानकारी छिपाने के आरोप में सजा भी हो सकती है।
7. आय के स्त्रोतों को ना छिपाएं : आयकर विभाग ने कहा है कि करदाताओं को अपनी आय के सभी स्त्रोतों के बारे में जानकारी देना जरूरी है। एक से अधिक आय के स्त्रोत होने पर लोग इसे छिपा लेते हैं। ऐसा करना कानूनन अपराध है। विभाग का कहना है कि अगर आप नौकरीपेशा हैं और आपने नौकरी बदली है तो अपनी नई पोजीशन और आय के बारे में बताना जरूरी है।
8. अतिरिक्त आय का देना होगा हिसाब : आयकर विभाग ने साफ कह दिया है कि करदाताओं को अपने मुख्य आय के स्त्रोत के अलावा अन्य आय के स्त्रोतों के बारे में भी जानकारी देनी होगी। क्योंकि लोग मुख्य आय के स्त्रोत से ज्यादा अतिरिक्त स्त्रोतों से कमाते हैं, लेकिन उसकी जानकारी नहीं देते।
9. इनवैलिड होम लोन पर नहीं मिलेगी राहत : आयकर विभाग ने साफ तौर पर कह दिया है कि किसी पुराने मकान के लोन की राशि भरने के नाम पर टैक्स में छूट नहीं मिलने वाली। अगर आप गलत जानकारी देकर आयकर विभाग को गुमराह करते हैं तो आधार कार्ड और पैन कार्ड के जरिए पकड़ में आ जाएंगे।
10. सभी के लिए नहीं है फार्म 15G/ 15H : अगर आप फार्म 15G या फिर 15H भरने जा रहे हैं तो पहले आप ठीक तरीके से जांच लें कि आप इसके लिए योग्य हैं या नहीं। यह आपकी सालाना आय पर निर्भर करता है कि इन दोनों में आपको कौन सा फार्म भरना है। अगर आप इस फार्म में गलत जानकारी देते हैं तो आईटी डिपार्टमेंट द्वारा पकड़े जाने पर जुर्माना भरना पड़ सकता है।
11. कुल पूंजीगत लाभ बताना होगा : आयकर विभाग के अनुसार करदाताओं को विभिन्न क्षेत्रों में लगी कुल पूंजी से होने वाली आय के बारे में जानकारी देनी होगी। आयकर विभाग का कहना है कि पिछले साल पूंजीगत लाभ में टैक्स बचाने के लिए करदाताओं ने टैक्स अधिनियम की धारा 54, 54एफ, 54ईसी के तहत झूठे दावे किए थे। जिसको आईटी विभाग ने कुछ दिनों बाद पकड़ लिया था। आयकर विभाग ऐसे रखता है नजर
वेतनभोगी और व्यापारी अगर ऐसा सोचते हैं कि वो अपनी आय-व्यय के बारे में गलत जानकारी देकर बच सकते हैं तो यह संभव नहीं है। क्योंकि आप जितनी बार बैंकों में पैसा जमा करते हैं या निकालते हैं। इसकी जानकारी आधार और पैन कार्ड के जरिए इनकम टैक्स विभाग तक पहुंच जाती है।
इसको आप ऐसे समझ सकते हैं। अगर एक ही व्यक्ति कई शहरों के अपने बैंक खातों पर 2.50 लाख रुपए से ज्यादा जमा करता है या इससे अधिक का लेनदेन करता है तो संबंधित बैंक आधार नंबर के जरिए खाताधारक के जिले के आयकर विभाग को इसकी जानकारी देते हैं। मतलब आप किसी भी शहर में किसी भी बैंक से पैसा लें या फिर बैंक को दें, दोनों पर ही आयकर विभाग की नजर होती है। लीविंग स्टेटस बताता है कितने अमीर हैं आप
आप किस कार से चलते हैं और आपके पास कितनी लग्जरियस एसेसिरीज हैं। रहन-सहन और सालाना खर्च के साथ ही शादी पार्टी जैसे आयोजनों पर आप कितना खर्च करते हैं। इससे भी आयकर विभाग आपकी संपत्ति के बारे में पता लगा लेता है। अन्य तरह की संपत्ति के बारे में आयकर विभाग की अन्य विंग पता लगा लेती हैं।

Pradeep answered 6 years ago

All transactions with PAN or Adhaar is linked can be traced by department easily like Demat transactions, Bank transactions, purchase of vehicle, land etc. Hence it is best to disclose all information honestly.
 
 

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